ईमेल फ्रॉड

>> Wednesday, January 21, 2009

आप लॉटरी में लाखों डॉलर के इनाम जीत गए हैं, पर इसे पाने के लिए आपको कुछ पैसे भेजने होंगे। इस तरह के ईमेल अब बीते दिनों की बातें हो गई हैं। ईमेल के जरिये फ्रॉड के अब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिससे निपटने में सिक्युरिटी एक्सपर्ट भी नाकाम नजर आ रहे हैं।

हाल ही में एक कॉलेज स्टूडेंट के पास उसके दोस्त का मेल आया। मेल में इस स्टूडेंट के दोस्त ने कहा था कि उसका वॉलेट गुम हो गया है और उसे करीब 8 हजार रुपये की सख्त जरूरत है। इस मेल में उस स्टूडेंट के दोस्त का डिजिटल सिग्नेचर भी था। पर जब स्टूडेंट ने दोस्त को फोन लगाया तो उसे पता चला कि उसके दोस्त ने ऐसा कोई मेल ही नहीं भेजा है।

ईमेल के जरिये इस तरह फ्रॉड की घटनाएं और ऐसी कोशिशें तेजी से बढ़ रही हैं। यदि आप सोचते हैं कि आप इसका शिकार नहीं हो सकते हैं, तो आप गलत हैं।
इस तरह के फ्रॉड से बचने का सबसे पहला और जरूरी उपाय यह है कि आप अपने 2 ईमेल आईडी रखें। एक ऑफिशल और दूसरा पर्सनल। दोनों ही आईडी का पासवर्ड लंबा या बड़ा रखने की कोशिशि करें। पर ध्यान दें यदि आप यह सोचकर आसान पासवर्ड रखते हैं कि इसे आपको याद करने में आसानी होगी, तो आपके लिए खतरा भी है। साइबर हैकरों के निशाने पर सबसे ज्यादा आसान पासवर्ड ही होते हैं। पासवर्ड चुनते वक्त वर्ड और डिजिट का मिक्स हो काफी बढ़िया रहेगा। हां, पासवर्ड में अपना नाम, अपने पति/पत्नी का नाम, बच्चों का नाम, टेलिफोन नंबर और जन्मदिन का इस्तेमाल करने से हमेशा बचना चाहिए।

यदि आपको इस तरह के ईमेल मिलते हैं कि 'आपने डॉलर जीत लिया है'या फिर 'आपने ट्रिप जीत ली है' तो सतर्क हो जाएं। जाहिर तौर पर इसके पीछे को छिपी हुई चाल होगी। इस तरह के ईमेल को देखकर लालच में आने की जरूरत नहीं है। ये मेल आपको खतरनाक साइट की ओर ले जाएंगे। यदि आप ऐसे मेल के बहकावे में आ गए तो इससे आप या तो अनजाने में वायरस डाउनलोड कर लेंगे या फिर अपने कंप्यूटर को हैकरों के हवाले कर बैठेंगे। इतना ही नहीं, यदि किसी अनजान पते से आपके पास कोई हॉट लिंक क्लिक करने का ऑप्शन आता है तो भी आप उसे खोलने की गलती न कर बैठें। ऐसे किसी भी मेल के जवाब में अपनी पर्सनल इन्फर्मेशन कभी भी न दें। यदि आप मेल की सचाई का पता लगाना चाहते हैं तो सेंडर की वेबसाइट का पता सीधे टाइप कर पता लगाएं, मेल का कोई जवाब न दें।

वायरस स्कैनिंग और रिमूवल के लिए अपने पीसी या लैपटॉप में सिक्युरिटी सॉफ्वेयर इन्सटॉल करें। अपने कंप्यूटर के सिक्युरिटी अपडेट लगातार चेक करते रहें। आपका सिक्युरिटी अपडेट जितना बेहतर होगा, खतरा उतना ही कम होगा। कंप्यूटर में एंटी-वायरस और एंटी स्पाईवेयर प्रोग्राम इन्सटॉल करना फायदेमंद रहेगा। कुछ सॉफ्टवेयर फ्री में उपलब्ध हैं। नॉर्टन एंटी-वायरस, McAfee और ट्रेंट माइक्रो जैसे सॉफ्टवेयर के लिए पे करना पड़ता है।

कई बार आपके पास किसी बैंक ने नाम से ईमेल आते हैं, जिसमें आपसे आपकी पर्सनल इन्फर्मेशन मांगी जाती है। इस तरह के करीब 90 परसेंट ईमेल फर्जी होते हैं। यदि आपको ऐसे ईमल आते हैं तो आप इस पर रिस्पॉन्ड न करें। आप पहले उस URL (वेब अड्रेस जिससे ईमेल आया है) को सावधानी से चेक करें। कभी भी वैसे किसी व्यक्ति या वैसी किसी संस्था को ईमेल पर अपनी पर्सनल इन्फर्मेशन न दें, जिसे आप जानते नहीं हैं। यदि आप ईमेल पर पर्सनल इन्फर्मेशन दे रहे हैं तो हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि जिस किसी को भी आप यह डीटेल दे रहे हैं, उसे डिटेल मुहैया कराना खतरनाक नहीं है।

साइबर कैफे ऑनलाइन क्रिमिनल्स के लिए हॉट स्पॉट होते हैं। लिहाजा साइबर कैफे से किसी को भी ईमेल के जरिये पर्सनल डीटेल भेजने से परहेज करें। अपनी कोई भी फाइनैंशनल डीटेल, अकाउंट नंबर, पासवर्ड आदि भेजने से बचें। साइबर कैफे से निकलने से पहले इस बात की पूरी तरह जांच कर लें कि आपने जो भी ऐप्लिकेशंस खोले थे, उसे लॉग आउट कर दिया है। वैसे साइबर कैफे में जाने से भी परहेज करें, जहां वाई-फाई जैसे वायरलेस नेटवर्क का इस्तेमाल होता है, क्योंकि ऐसी जगहों पर प्राइवेसी और सिक्युरिटी कम होती है।

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